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#📚कविता-कहानी संग्रह
📚कविता-कहानी संग्रह - सुविचारं आज का धम्म प्रभात नमों बुद्धाय जय भीम शब्दों में धार नहीं . आधार होना चाहिये।   क्योंकि जिन शब्दों में धार होत़ी है वो मन को काटते हैं; जबकि जिन शब्दों का आधार होता है वो मन को जीत लेते हैं! सबका मंगल हो सदा खुश रहो मुस्कुराते रहो लेखक कैलाश कुमार जोर सुविचारं आज का धम्म प्रभात नमों बुद्धाय जय भीम शब्दों में धार नहीं . आधार होना चाहिये।   क्योंकि जिन शब्दों में धार होत़ी है वो मन को काटते हैं; जबकि जिन शब्दों का आधार होता है वो मन को जीत लेते हैं! सबका मंगल हो सदा खुश रहो मुस्कुराते रहो लेखक कैलाश कुमार जोर - ShareChat