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#☝ मेरे विचार
☝ मेरे विचार - बौध्द धर्म 100 Stucly Point 07 Study Point बौद्ध धर्म बौद्ध  धर्म संस्थापक गौतम बुद्ध [ా सिद्धार्थ बचपन का नाम [ರಾ शुद्धोधन (शाक्य कुल के शिष्य) पिता का नाम महामाया (कोलिय वंश) সানা ক্রা নাম [ন प्रजापति गौतमी (मासी) पालन [ পনী ক্রা নাস यधोथरा [e गौतम बुद्ध  का सारथी चन्ना [3 घोडे का नाम 052[5 [4 धर्म चक्र प्रवर्तन (सारनाथ में) प्रथम उपदेश बुद्ध के त्रिरत्न बौद्ध, धम्म संघ [37 मुनि, एशिया का ज्योतिपुंज उपनाम शाक्य राहुल g [5 Study गौतम बुद्ध (Light Of Asia) एशिया का ज्योतिपुंज , शाक्य मुनि कहा जाता है IP लुम्बिनी, कपिलवस्तु (नेपाल) जन्मस्थान २९ वर्ष की आयु में सिद्धार्थ ने गृह त्याग किया और इसी घटना को बौद्ध धर्म में "সঙামিনিক্কষমণা" ক্রমা সানা & गृह त्याग करके अनोमा नदी के तट पर सिर मुंडवाया और वंही नदी पर सन्यासी रूप धारण 0F किया यह सबसे पहले राजगृह जगह पर गए वहां पर " अनारकलाम" से मिले , राजगृह के बाद वे वैशाली चले गए, वहां पर "रुद्रक रामपुत्र" से शिक्षा ली। वैशाख की पूर्णिमा की रात निरंजना नदी के किनारे , पीपल के पेड़ के नीचे सिद्धार्थ को ज्ञान के दिन उन्हें बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई । प्राप्त हुआ.... वैशाख দুণিসা ন गिफ़्ट भेज्नेंटेंट अच्छा लगे तो लाईक फॉलो और शेअर जरुर करे बौध्द धर्म 100 Stucly Point 07 Study Point बौद्ध धर्म बौद्ध  धर्म संस्थापक गौतम बुद्ध [ా सिद्धार्थ बचपन का नाम [ರಾ शुद्धोधन (शाक्य कुल के शिष्य) पिता का नाम महामाया (कोलिय वंश) সানা ক্রা নাম [ন प्रजापति गौतमी (मासी) पालन [ পনী ক্রা নাস यधोथरा [e गौतम बुद्ध  का सारथी चन्ना [3 घोडे का नाम 052[5 [4 धर्म चक्र प्रवर्तन (सारनाथ में) प्रथम उपदेश बुद्ध के त्रिरत्न बौद्ध, धम्म संघ [37 मुनि, एशिया का ज्योतिपुंज उपनाम शाक्य राहुल g [5 Study गौतम बुद्ध (Light Of Asia) एशिया का ज्योतिपुंज , शाक्य मुनि कहा जाता है IP लुम्बिनी, कपिलवस्तु (नेपाल) जन्मस्थान २९ वर्ष की आयु में सिद्धार्थ ने गृह त्याग किया और इसी घटना को बौद्ध धर्म में "সঙামিনিক্কষমণা" ক্রমা সানা & गृह त्याग करके अनोमा नदी के तट पर सिर मुंडवाया और वंही नदी पर सन्यासी रूप धारण 0F किया यह सबसे पहले राजगृह जगह पर गए वहां पर " अनारकलाम" से मिले , राजगृह के बाद वे वैशाली चले गए, वहां पर "रुद्रक रामपुत्र" से शिक्षा ली। वैशाख की पूर्णिमा की रात निरंजना नदी के किनारे , पीपल के पेड़ के नीचे सिद्धार्थ को ज्ञान के दिन उन्हें बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई । प्राप्त हुआ.... वैशाख দুণিসা ন गिफ़्ट भेज्नेंटेंट अच्छा लगे तो लाईक फॉलो और शेअर जरुर करे - ShareChat