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#✍️ साहित्य एवं शायरी #✍️ अनसुनी शायरी
✍️ साहित्य एवं शायरी - *"ऊपरवाले की अदालत में वकालत नहीं होती"* 'और सजा हो जाए तो फिर XIl ज़मानत नहीं होती"* *"ऊपरवाले की अदालत में वकालत नहीं होती"* 'और सजा हो जाए तो फिर XIl ज़मानत नहीं होती"* - ShareChat