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#मुश्किल रस्ते 🙏👌
मुश्किल रस्ते 🙏👌 - कार्यदबाव और विभागीय प्रताड़ना से अनुबंध कर्मी की मौत का आरोप देवघर   संताल   एक्सप्रेस  రగడౌ स्वास्थ्य सामुदाायक जसीडीह में अनुबंध पर कार्यरत मलेरिया सुपरवाइजर राजीव रंजन की मौत से स्वास्थ्य विभाग में और आक्रोश   दोनों 5 शाक का माहौल है। रांची में प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए जाते समय रास्ते में उनकी तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें सदर अस्पताल देवघर लाया गया, जहां हृदय गति रुकने से उनकी मृत्यु हो गई। अधिकारियों व कर्मियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और शव परिजनों को सौंपने के बाद सिंहजोरी गांव में अंतिम संस्कार किया गया। राजीव रंजन पहले से हृदय रोग से पीड़ित थे और हाल ही में उनका ऑपरेशन भी हुआ था। परिजनों व सहकर्मियों का आरोप है कि बीमारी के बावजूद उन पर जसीडीह एवं देवीपुर दोनों जगह कार्य का दबाव बनाया जाता रहा। बीमारी का प्रमाण देने के बावजूद जिला मलेरिया पदाधिकारी द्वारा उन्हें अनुपस्थित दिखाया गया और मानदेय भुगतान पर आपत्ति दर्ज की गई। मेडिकल फिटनेस के नाम पर उन पर लगातार दबाव बनाए जाने का भी आरोप है। उन्होंने १७ नवंबर २०२५ को सिविल सर्जन को पत्र लिख अपनी समस्या बताई थी,जिसके आधार पर २८ नवंबर को आदेश जारी हुआ। उसी के तहत १० दिसंबर को प्रशिक्षण के लिए रांची जा रहे थे। कार्यदबाव और विभागीय प्रताड़ना से अनुबंध कर्मी की मौत का आरोप देवघर   संताल   एक्सप्रेस  రగడౌ स्वास्थ्य सामुदाायक जसीडीह में अनुबंध पर कार्यरत मलेरिया सुपरवाइजर राजीव रंजन की मौत से स्वास्थ्य विभाग में और आक्रोश   दोनों 5 शाक का माहौल है। रांची में प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए जाते समय रास्ते में उनकी तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें सदर अस्पताल देवघर लाया गया, जहां हृदय गति रुकने से उनकी मृत्यु हो गई। अधिकारियों व कर्मियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और शव परिजनों को सौंपने के बाद सिंहजोरी गांव में अंतिम संस्कार किया गया। राजीव रंजन पहले से हृदय रोग से पीड़ित थे और हाल ही में उनका ऑपरेशन भी हुआ था। परिजनों व सहकर्मियों का आरोप है कि बीमारी के बावजूद उन पर जसीडीह एवं देवीपुर दोनों जगह कार्य का दबाव बनाया जाता रहा। बीमारी का प्रमाण देने के बावजूद जिला मलेरिया पदाधिकारी द्वारा उन्हें अनुपस्थित दिखाया गया और मानदेय भुगतान पर आपत्ति दर्ज की गई। मेडिकल फिटनेस के नाम पर उन पर लगातार दबाव बनाए जाने का भी आरोप है। उन्होंने १७ नवंबर २०२५ को सिविल सर्जन को पत्र लिख अपनी समस्या बताई थी,जिसके आधार पर २८ नवंबर को आदेश जारी हुआ। उसी के तहत १० दिसंबर को प्रशिक्षण के लिए रांची जा रहे थे। - ShareChat