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कबीर दास के दोहे #संत कबीर दास के दोहे #🖋️ कबीर दास जी के दोहे #कबीर दास जी के दोहे 🙏🙏 #कबीर दास जी के दोहे #संत कबीर दास दोहे 🙏😊
संत कबीर दास के दोहे - कबरदार हर पुरुष को पता होना चाहिए इस दोहे का गूढ़ अर्थ > "नारी की झाई पडे़, अंधा होय भुजंग| ता की कौन गति, नित रह नारी के संग।। " कबीरदास जी कहते हैं कि यदि किसी सर्प ೫ पर स्त्री की छाया मात्र पड़ जाए तो वह अंधा हो जाता है। तो सोचिए उस पुरुष की क्या दशा होगी जो हर समय स्त्री के साथ ही लिप्त रहता है। इसका गहरा संकेत यह है कि स्त्री के संग रहने से पुरुष में कामवासना प्रबल हो जाती है और " भक्ति, साधना और अध्यात्म से भटक उसका मन जाता है। इसलिए पुरुष को विवेक रखना चाहिए और अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाना चाहिए। बाँटे , भक्ति अपनाएँ लाइक, शेयर ज्ञान ~  और सब्सक्राइब करना न भूलें। कबरदार हर पुरुष को पता होना चाहिए इस दोहे का गूढ़ अर्थ > "नारी की झाई पडे़, अंधा होय भुजंग| ता की कौन गति, नित रह नारी के संग।। " कबीरदास जी कहते हैं कि यदि किसी सर्प ೫ पर स्त्री की छाया मात्र पड़ जाए तो वह अंधा हो जाता है। तो सोचिए उस पुरुष की क्या दशा होगी जो हर समय स्त्री के साथ ही लिप्त रहता है। इसका गहरा संकेत यह है कि स्त्री के संग रहने से पुरुष में कामवासना प्रबल हो जाती है और भक्ति, साधना और अध्यात्म से भटक उसका मन जाता है। इसलिए पुरुष को विवेक रखना चाहिए और अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाना चाहिए। बाँटे , भक्ति अपनाएँ लाइक, शेयर ज्ञान ~  और सब्सक्राइब करना न भूलें। - ShareChat