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#✍️ साहित्य एवं शायरी #✍️ अनसुनी शायरी #💓 दिल के अल्फ़ाज़ #📖 कविता और कोट्स✒️ #✒ शायरी
✍️ साहित्य एवं शायरी - खो रहा है अपनापन दिखावा अब बढ़ने लगा है॰ बेहतर  कौन किससे ೯ इस दौड़ में हरकोई फँसने , लगा ٩ ٤ हो रहे हैं अपने ही अपनों दिलों में फ़ासला गहराने लगा है॰ दिखावे की इस आदत से, बुरी हर रिश्ता अब बिखरने लगा है। ***** खो रहा है अपनापन दिखावा अब बढ़ने लगा है॰ बेहतर  कौन किससे ೯ इस दौड़ में हरकोई फँसने , लगा ٩ ٤ हो रहे हैं अपने ही अपनों दिलों में फ़ासला गहराने लगा है॰ दिखावे की इस आदत से, बुरी हर रिश्ता अब बिखरने लगा है। ***** - ShareChat