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बहुत कुछ कहना है आपसे आज कहूंगी आज कहूंगी में कह ही नहीं पाती या भूल सी जाती हूं रोज़ शाम तकती आसमान को सोच के पर फैलाए उड़ तो आती हूं उस खाली आसमान में जहां सब मेरा है सिर्फ़ मेरा जहां नहीं बाटना पड़ता खुद को किसी के संग मुझको .... ज़ी करे वही रुक जाऊं तन्हा अकेले दुनियां की भीड़ से परे अपनी सोच की दुनियां में अब ये भीड़ चुभती है शोर करती है दर्द देती है मै तन्हा सुकून की कुछ पल अकेले में चाहती हूं... मेरे सपनों के साथ... #❤️Love You ज़िंदगी ❤️ #💓 मोहब्बत दिल से #😘बस तुम और मैं #सिर्फ तुम #🌙 गुड नाईट
❤️Love You ज़िंदगी ❤️ - कभी कभी मन कितना भरा होता है शब्दों से, जैसे कोई सागर उमड़ता , बेचैन सा, व्याकुल सा बहुत कुछ कहने के लिए, मगर वो किनारा वो सही इंसान नही मिलता जिससे सब कुछ कह पाएं जिससे कुछ न छिपे, जो आंखे भी पढ़े , और जो अनकहे शब्दों को भी सुन ले, जिससे कुछ कहने के बाद कोई पछतावा न हो, और मन भी हो शांत, जाए किसी शांत बहती नदी की तरह.. कभी कभी मन कितना भरा होता है शब्दों से, जैसे कोई सागर उमड़ता , बेचैन सा, व्याकुल सा बहुत कुछ कहने के लिए, मगर वो किनारा वो सही इंसान नही मिलता जिससे सब कुछ कह पाएं जिससे कुछ न छिपे, जो आंखे भी पढ़े , और जो अनकहे शब्दों को भी सुन ले, जिससे कुछ कहने के बाद कोई पछतावा न हो, और मन भी हो शांत, जाए किसी शांत बहती नदी की तरह.. - ShareChat