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गुलजार शायरी - बैठे, हम झूठों के बीच सच बोल ` और हम वो नमक का शहर था जखम खोल बैठे . . ! SShbreCnation  Shubhu बैठे, हम झूठों के बीच सच बोल ` और हम वो नमक का शहर था जखम खोल बैठे . . ! SShbreCnation  Shubhu - ShareChat