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हांसी खेल हराम है, जो जन रमते राम। माया मन्दिर इस्तरी, नहिं साधु का काम ॥ कबीर साहेब जी कहते हैं कि जो सज्जन सदा राम में रमते हैं, अर्थात आत्म-ज्ञान में स्थिर रहते हुए ध्यान-भजन में लीन रहते हैं, उनके लिए सांसारिक हास्य-मजाक तथा खेल हराम हैं। इसी प्रकार संसार के माया-मोह, मन रिझाने के महल-मंदिर और स्त्री से साधुजनों का कोई संबंध नहीं। ##godmorningsaturday #🙏गुरु महिमा😇 #🙏गीता ज्ञान🛕 #🕉️सनातन धर्म🚩 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇
#godmorningsaturday - हांसी खेल हराम है॰ जो जन रमने रम | சபசfs नहिं साधु का काम Il कबीर साहेब जी कहते हैं किजो सज्जन सदा राम में रमते हैं, अर्थात आत्म - ज्ञान में स्थिर रहते हुए ध्यान -भजन में लीन रहते हैं, उनके लिए सांसारिक हास्य- मजाक तथा खेल हराम हैं। प्रकार संसार के माया -मोह, मन रिझाने के महल-मंदिर इसी और स्त्री से साधुजनों का कोई संबंध नहीं। हांसी खेल हराम है॰ जो जन रमने रम | சபசfs नहिं साधु का काम Il कबीर साहेब जी कहते हैं किजो सज्जन सदा राम में रमते हैं, अर्थात आत्म - ज्ञान में स्थिर रहते हुए ध्यान -भजन में लीन रहते हैं, उनके लिए सांसारिक हास्य- मजाक तथा खेल हराम हैं। प्रकार संसार के माया -मोह, मन रिझाने के महल-मंदिर इसी और स्त्री से साधुजनों का कोई संबंध नहीं। - ShareChat