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#यथार्थ_गीता_ज्ञान 🎉पवित्र गीता जी अध्याय 9 श्लोक 25 में साफ लिखा है कि भूतों को पूजोगे तो भूतों की योनियों में जाओगे और पितर पूजोगे तो पितर योनि में जाओगे। फिर क्यों आप श्राद्ध कर्म, पिंड दान आदि करते हो? ये मोक्ष मार्ग के विपरीत क्रियाएं हैं।
यथार्थ_गीता_ज्ञान - eনা২২ पितून पितृव्ताः , यान्तिः देवव्रताः , दिवान यान्त गीता अध्याय 9 श्लोक २५ में श्राद्ध भूतानि, यान्ति भूतेज्याः. यान्ति मद्याजिनः अपि॰ माम्।। २५  कारण यह नियम हकि व पिंड आदि कर्मकांड को गलत देवताओको प्राप्त होते ह यान्ति देववताः T:Ialc (আঁ) कहा है। मार्कण्डेय पुराण में भी देवताओको मेरा पूजन दवान मद्याजिनः प्रमाण है कि वेदों में पितर पूजा, भूत ஈள்= फरनेवाल भक्त र्याान्त पितराका उझको  সান पितवताः  पूजा यानि श्राद्ध कर्म को अविद्या यानि पूजनेवाले  সণি हा पितून পিনযক্কী प्राप्त होते हं। का कार्य बताया है। সাদ চাঁন ৪ ( इसोलिये मेर मूर्खों यान्ति यान्ति भृतोंको पूजनेवाले भतेज्याः भक्तांका पनजन्मा ப भताको नहा हाता  संत रामपाल जी महाराज जी से Sant Rampal ji Maharaj App Download ক্ীসিয निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क 6IC +91 7496801823 पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र : Play Google eনা২২ पितून पितृव्ताः , यान्तिः देवव्रताः , दिवान यान्त गीता अध्याय 9 श्लोक २५ में श्राद्ध भूतानि, यान्ति भूतेज्याः. यान्ति मद्याजिनः अपि॰ माम्।। २५  कारण यह नियम हकि व पिंड आदि कर्मकांड को गलत देवताओको प्राप्त होते ह यान्ति देववताः T:Ialc (আঁ) कहा है। मार्कण्डेय पुराण में भी देवताओको मेरा पूजन दवान मद्याजिनः प्रमाण है कि वेदों में पितर पूजा, भूत ஈள்= फरनेवाल भक्त र्याान्त पितराका उझको  সান पितवताः  पूजा यानि श्राद्ध कर्म को अविद्या यानि पूजनेवाले  সণি हा पितून পিনযক্কী प्राप्त होते हं। का कार्य बताया है। সাদ চাঁন ৪ ( इसोलिये मेर मूर्खों यान्ति यान्ति भृतोंको पूजनेवाले भतेज्याः भक्तांका पनजन्मा ப भताको नहा हाता  संत रामपाल जी महाराज जी से Sant Rampal ji Maharaj App Download ক্ীসিয निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क 6IC +91 7496801823 पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र : Play Google - ShareChat