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#✒️ શાયરોની મહેફિલ #📜 શાયરી #👌બેસ્ટ સ્ટેટ્સ📱
✒️ શાયરોની મહેફિલ - फ़िर ढल रहा है दिन, फ़िर शाम हो रही है फ़िर ये कोशिशें कुछ कहने को नाक़ाम हो रही है ।। एक लंबे अरसे बाद कुछ को दिल किया सुनाने  फिर अंदाज़ तेरा ख़ास और नज़्में मिरी आम हो रही है ।। बाहर शोर ना हो जाये सो आँखों को ख़ामोश रक्खा बिन मिलाएं नजरें भी गुफ़्तगू सरेआम हो रही है ।। या तो हट जाओ रास्ते से या मुड़ जाओ मिरी ओर मौजूदगी मिरी तबाही का इन्तिज़ाम हो रही है ।। নুদ্ধাহী  ज़रा सम्भल के रहना इश्क़ की चिंगारियों से तुम मैँ तो मैं हूँ मगर मोहब्बत तेरे नाम हो रही है।। फ़िर ढल रहा है दिन, फ़िर शाम हो रही है फ़िर ये कोशिशें कुछ कहने को नाक़ाम हो रही है ।। एक लंबे अरसे बाद कुछ को दिल किया सुनाने  फिर अंदाज़ तेरा ख़ास और नज़्में मिरी आम हो रही है ।। बाहर शोर ना हो जाये सो आँखों को ख़ामोश रक्खा बिन मिलाएं नजरें भी गुफ़्तगू सरेआम हो रही है ।। या तो हट जाओ रास्ते से या मुड़ जाओ मिरी ओर मौजूदगी मिरी तबाही का इन्तिज़ाम हो रही है ।। নুদ্ধাহী  ज़रा सम्भल के रहना इश्क़ की चिंगारियों से तुम मैँ तो मैं हूँ मगर मोहब्बत तेरे नाम हो रही है।। - ShareChat