किसी शाम बैठ कर, इस तरह से किया जाए,
तेरा चेहरा देखा जाए, चाँद छुपा दिया जाए।
सर्द शाम हो, अलाव जला के बैठे हों हम,
ख़ुद को सुनाया जाए और तुमको सुना जाए।
कुछ रिश्ते खुदा के घर से तय हो कर ही आते हैं,
हमारे बस में ही कहाँ जो इनको चुना जाए।
मासूम सा इज़हार करूँ, बस तुम इकरार कर देना,
दो रंगों के धागे से रंगदार रिश्ता बुना जाए।
#❤️Love You ज़िंदगी ❤️ #💓 मोहब्बत दिल से #😘बस तुम और मैं #🌙 गुड नाईट #सिर्फ तुम


