🔥 पंचजन्य — शंख की वो गूँज जो इतिहास, धर्म और विज्ञान को एक साथ बाँधती है; पौराणिक आख्यानों में इसे विष्णु/कृष्ण का शंख बताया गया है जिसे दैत्य पंचजन्य (Panchajana) से प्राप्त किया गया और महाभारत में कृष्ण ने इसे युद्ध के संकेत के रूप में फूँका, जिससे सत्य और धर्म की पुकार सुनाई दी, यही कारण है कि पौराणिक और धार्मिक संदर्भों में इसकी महिमा बनी हुई है। वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो शंख अपनी घुमावदार गुहा और मुख के आकार की वजह से एक प्राकृतिक रेज़ोनेटर की तरह काम करता है — हवा और होंठों की कंपन मिलकर low-frequency, दूर तक पहुंचने वाला टोन बनाते हैं, जो प्राचीन संचार और मनोवैज्ञानिक प्रभाव (morale signaling) के लिए बेहद कारगर था; अतः इसका धार्मिक उपयोग केवल आस्था नहीं बल्कि तार्किक कारणों पर भी टिकता है। प्रतीकात्मक अर्थ में पंचजन्य पाँच तत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश) का प्रतिनिधित्व करता है और 'सृष्टि-ध्वनि' से जुड़ा हुआ माना जाता है; परंतु भौतिक प्रमाण सीमित होने के कारण इसे केवल मिथक मानने या केवल भौतिक वस्तु समझने दोनों से बचकर—सांस्कृतिक और वैज्ञानिक दृष्टि से परखा जाना चाहिए। "शंख की गूँज — धर्म की पुकार" 🐚✨ #पंचजन्य #Shankh #Panchajanya #Krishna #धर्म #ध्वनि.
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