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#✍गुलजारांचे साहित्य #🖋शेरो-शायरी
✍गुलजारांचे साहित्य - ೧( वो रह गए इतराते अपनी चालाकियों पे वो समझ ही नहीं पाए की वो क्या गवा बैठे हैं ...!! 4 ೧( वो रह गए इतराते अपनी चालाकियों पे वो समझ ही नहीं पाए की वो क्या गवा बैठे हैं ...!! 4 - ShareChat