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#सामाजिक दर्शन #जिंदगी की हकीकत #मेरे विचार, मेरी जिन्दगी #बात सोचने वाली
सामाजिक दर्शन - लड़कियाँ खुल के हँस नहीं सकतीं, लड़के खुल के रो नहीं सकते। दहेज़ न लाने वाली लड़की का मान नहीं हो सकता। सरकारी नौकरी के बगैर लड़के की क़दर नहीं हो सकती। मुस्कुराइये, आप तथाकथित खुले विचारों वाले समाज में रहते हैं। लड़कियाँ खुल के हँस नहीं सकतीं, लड़के खुल के रो नहीं सकते। दहेज़ न लाने वाली लड़की का मान नहीं हो सकता। सरकारी नौकरी के बगैर लड़के की क़दर नहीं हो सकती। मुस्कुराइये, आप तथाकथित खुले विचारों वाले समाज में रहते हैं। - ShareChat