Narad Muni aur Bhakti ka Rahasya
एक बार नारद मुनि ने भगवान विष्णु से पूछा — “प्रभु, आपका सबसे बड़ा भक्त कौन है?”
भगवान उन्हें एक साधारण किसान के घर ले गए, जो दिन भर मेहनत करता था और सिर्फ़ तीन बार भगवान का नाम लेता था।
नारद को आश्चर्य हुआ, पर भगवान बोले —
“सच्ची भक्ति जप की संख्या में नहीं, मन के भाव में होती है।
जो हर कर्म में भगवान को याद रखे, वही मेरा सच्चा भक्त है।”
सीख — ईश्वर हृदय में बसते हैं, शब्दों में नहीं।
भक्ति का सार भाव है, मात्रा नहीं।
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✨ जय श्रीकृष्ण ✨
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