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#✍मिर्झा गालिब शायरी #🖋शेरो-शायरी #📝कविता / शायरी/ चारोळी #☺️प्रेरक विचार
✍मिर्झा गालिब शायरी - 37 भ भ्युद्य सहिता गुज़र जायेगा ये दौर भी ग़ालिब ज़रा इत्मीनान तो रख ؟٣ जब ) ही न ठहरी तो गम की क्या औकात है। मिर्जा ग़ालिब 37 भ भ्युद्य सहिता गुज़र जायेगा ये दौर भी ग़ालिब ज़रा इत्मीनान तो रख ؟٣ जब ) ही न ठहरी तो गम की क्या औकात है। मिर्जा ग़ालिब - ShareChat