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अब ये क़ोशीश है तेरे ज़िक़्र न हों,बात न हो.... #✍️ साहित्य एवं शायरी #✍️ अनसुनी शायरी #😌 अकेलापन शायरी #📖 कविता और कोट्स✒️ #📜 Whatsapp स्टेटस
✍️ साहित्य एवं शायरी - जिम्मेवार कश्ती I ঈথল নাভভুম नहीं স' ঐঠন कश्ती का सलीका भी चाहिए जिम्मेवार कश्ती I ঈথল নাভভুম नहीं স' ঐঠন कश्ती का सलीका भी चाहिए - ShareChat