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#दिल के अल्फाज़
दिल के अल्फाज़ - रिश्तों में न जाने क्यों... अब वो गर्माहट घटती जा रही है, वक़्त के साथ धीरे-धीरे.. हर दूरी और गहरी होती जा रही है, कम हो गईं हैं बातें , मुलाक़ातें. . खामोशी बस बढ़ती जा रही है, दिल से दिल का जो रिश्ता था.. वो भी अब से फिसलता जा रहा है।। हाथों रिश्तों में न जाने क्यों... अब वो गर्माहट घटती जा रही है, वक़्त के साथ धीरे-धीरे.. हर दूरी और गहरी होती जा रही है, कम हो गईं हैं बातें , मुलाक़ातें. . खामोशी बस बढ़ती जा रही है, दिल से दिल का जो रिश्ता था.. वो भी अब से फिसलता जा रहा है।। हाथों - ShareChat