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today - मैं थक गया हूं या अल्लाईः n समझते हैं॰ ना हालात बदलते हैं... हर नालोग रोज़ मुस्कुराता हूं॰ लेकिन अंदर से टूटता हूं॰॰ कभी सोचता हूं कि अब और नहीं हो पाएगा... लेकिन फिर तू याद आता है या अल्लाह . तेरी रहमत का ख्याल आता है तेरा सब्र करने वालों से प्यार याद आता है तेरे नबी की तकलीफें याद आती हैं और मैं फिर से सजदे में गिर जाता हूं॰॰. ऐ मेरे रब... थक तो गया हूं॰ मगर तुझसे उम्मीद बाकी है॰ तेरा दर ही मेरी राहत है॰॰. तेरा नाम ही मेरी सुकून है..ः मेरा सहारा नहीं "ऐ अल्लाह, अगर तूही बनेगा, तो मैं किसके आगे हाथ फैलाऊं ..?" मैं थक गया हूं या अल्लाईः n समझते हैं॰ ना हालात बदलते हैं... हर नालोग रोज़ मुस्कुराता हूं॰ लेकिन अंदर से टूटता हूं॰॰ कभी सोचता हूं कि अब और नहीं हो पाएगा... लेकिन फिर तू याद आता है या अल्लाह . तेरी रहमत का ख्याल आता है तेरा सब्र करने वालों से प्यार याद आता है तेरे नबी की तकलीफें याद आती हैं और मैं फिर से सजदे में गिर जाता हूं॰॰. ऐ मेरे रब... थक तो गया हूं॰ मगर तुझसे उम्मीद बाकी है॰ तेरा दर ही मेरी राहत है॰॰. तेरा नाम ही मेरी सुकून है..ः मेरा सहारा नहीं "ऐ अल्लाह, अगर तूही बनेगा, तो मैं किसके आगे हाथ फैलाऊं ..?" - ShareChat