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gazal - रचना- उसकी आँखें सब बोलती हैं रचनाकार- गुलाब चन्द शर्मा १. वो अक्सर, चुप ही रहती है...२ उसकी आँखें, सब बोलती !! मगर २. हर किसी से उसका, मिलना नहीं होता...२ वो सबकी बातों से, व्यक्तित्व तौलती है !! ३. उसकी नाजुक से हैं, लव मगर.... 2 वो अपनी बातों से, काँटे रौंदती है !! फूल यूँ ही नहीं महकते हैं, बगान के... 2 4. वो उनमें अपनी, साँसें घोलती है !! ५. ज़माना सारा, खामोश हो जाता है.... 2 वो जब अपनी, जबान खोलती है !! Gulab Chand Sharma रचना- उसकी आँखें सब बोलती हैं रचनाकार- गुलाब चन्द शर्मा १. वो अक्सर, चुप ही रहती है...२ उसकी आँखें, सब बोलती !! मगर २. हर किसी से उसका, मिलना नहीं होता...२ वो सबकी बातों से, व्यक्तित्व तौलती है !! ३. उसकी नाजुक से हैं, लव मगर.... 2 वो अपनी बातों से, काँटे रौंदती है !! फूल यूँ ही नहीं महकते हैं, बगान के... 2 4. वो उनमें अपनी, साँसें घोलती है !! ५. ज़माना सारा, खामोश हो जाता है.... 2 वो जब अपनी, जबान खोलती है !! Gulab Chand Sharma - ShareChat