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ग़लती बस एक ही हुई है... सबको अपना समझा... आज सबके लिए ही बेगाने हो गए !  भूल बैठे थे... कि ज़ख्मों को तो खुद ही सहना पड़ता हैं। . ® दूसरों से उम्मीदे कम और खुद से ज्यादा होनी चाहिए। 👉 रोज़ ऐसे ही नये विचारों के लिए पेज़ को Follow ज़रूर करें ! #sahitya_shabdkosh✍️ #Writer_rahul✍️ #✍️ साहित्य एवं शायरी #🙄फैक्ट्स✍ #📗प्रेरक पुस्तकें📘
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