ग़लती बस एक ही हुई है...
सबको अपना समझा... आज सबके लिए ही बेगाने हो गए !
भूल बैठे थे... कि ज़ख्मों को तो खुद ही सहना पड़ता हैं।
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® दूसरों से उम्मीदे कम और खुद से ज्यादा होनी चाहिए।
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