श्री गुरु रविदास के जन्मस्थान के मंदिर का मानवीय और सामाजिक महत्व इतनी शक्ति रखता है कि यह सिर्फ भक्ति का स्थान नहीं बल्कि समानता और गरिमा की राजनीतिक आवाज़ भी बन गया है; यहाँ लाखों श्रद्धालु हर वर्ष जश्न मनाते हैं, और हाल के दिनों में मंदिर परिसर-घाट पर पहुँच और सुरक्षा सुधार (accessibility ramp 1:12 जैसे तकनीकी मानक) की योजनाएँ बन रही हैं — यह विज्ञान से जुड़ा तर्क है कि सार्वजनिक धार्मिक स्थलों पर बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर (रैंप, सुरक्षित बोर्डिंग) उम्रदराज़ और दिव्यांग लोगों की भागीदारी बढ़ाकर समुदायिक समावेशन बढ़ाता है, जबकि मंदिरों पर अवैध अतिक्रमण या किसी मूर्ति-विनाश जैसी घटनाएँ सामाजिक व्यवस्था और कानून दोनों के खिलाफ हैं और इन्हें निंदनीय कहना धर्म के सच्चे सिद्धांतों (समानता, अहिंसा) का तार्किक समर्थन है; इसलिए Ravidas की शिक्षा — बेगमपुरी जैसा सपना जहाँ भेदभाव नहीं — को समझकर हम ये तय कर सकते हैं कि भक्ति में सत्य वही है जो मानव-सम्मान और तर्क को बढ़ाए, और गलत वही है जो हिंसा, अतिक्रमण या भेदभाव को बढ़ावा दे; 🌺🕯️🙏 #रविदासजी #Begumpura #समानता #AccessibilityForAll #संत_रविदास
स्रोत: @रत्नेश्वर मंदिर टोकवाडी @मेलडी माता मंदिर करड़ा
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