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#संत कबीर दास #सत भक्ति संदेश #santram pal ji Maharaj 🙏#kabirisgod
संत कबीर दास - जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज विकारी प्राणी भक्ति नहीं कर सकते अध्याय १६ के श्लोक २१ , २२ का भाव है कि काम क्रोध , लोभ जीव को नरक के द्वार में डालने वाले हैं। जो इनसे रहित है केवल वही परमगति (पूर्णमुक्ति) को प्राप्त सकते हैं अन्यथा नहीं| कर कबीर , कामी क्रोधी लालची , इन से भक्ति न होय। भक्ति करै कोई सूरमा , जाति वर्ण कुल खोय।| satlokashramorg @Satlokashram @Satlokashram001 जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज विकारी प्राणी भक्ति नहीं कर सकते अध्याय १६ के श्लोक २१ , २२ का भाव है कि काम क्रोध , लोभ जीव को नरक के द्वार में डालने वाले हैं। जो इनसे रहित है केवल वही परमगति (पूर्णमुक्ति) को प्राप्त सकते हैं अन्यथा नहीं| कर कबीर , कामी क्रोधी लालची , इन से भक्ति न होय। भक्ति करै कोई सूरमा , जाति वर्ण कुल खोय।| satlokashramorg @Satlokashram @Satlokashram001 - ShareChat