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#दिल के अल्फाज़
दिल के अल्फाज़ - दूर से नही आंकी जाती... रिश्तों की गहराई, कई बार पास होकर भी लोग अजनबी हो जाते हैं। बातें तो वैसी ही रहती हैं बस मायने बदल जाते हैं, और एक बार जो यकीन ट्ूटे , वो फिर लौट नहीं पाते हैं। मिट्टी चाहे जैसी भी हो, उसमें जीवन अंकुरित हो ही जाता है, पर राख पर बस राख ही जमती जाती है...!! दूर से नही आंकी जाती... रिश्तों की गहराई, कई बार पास होकर भी लोग अजनबी हो जाते हैं। बातें तो वैसी ही रहती हैं बस मायने बदल जाते हैं, और एक बार जो यकीन ट्ूटे , वो फिर लौट नहीं पाते हैं। मिट्टी चाहे जैसी भी हो, उसमें जीवन अंकुरित हो ही जाता है, पर राख पर बस राख ही जमती जाती है...!! - ShareChat