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#sach baat #sachi #👉 लोगों के लिए सीख👈 #andbakto ke liye
sach baat - एकलव्य का अंगूठा क्यों काटा गया था..? क्योंकि गुरु द्रोणाचार्य ब्राह्मण थे और अर्जुन क्षत्रिय और एकलव्य निषाद था.. गुरु द्रोणाचार्य कभी नहीं चाहते थे कि एक निषाद एक लव्य अर्जुन (क्षत्रिय ) से बड़ा धनर्धुन बने इसी कारण एक गुरु ने गुरुदक्षिणा के नाम पर एक शिष्य के साथ क्षल किया और शुरू से परंपरा रही है कि इन सवर्णों ने हमेशा ही मिलकर हम सबको ठगा है और आज फिर वही सब हो रहा है इसलिए एकलव्य की तरह गुरुदक्षिणा के नाम पर अपनी हिस्सेदारी देने से बचें एकलव्य असलीजातिवादतोयहाँहुआथा एकलव्य का अंगूठा क्यों काटा गया था..? क्योंकि गुरु द्रोणाचार्य ब्राह्मण थे और अर्जुन क्षत्रिय और एकलव्य निषाद था.. गुरु द्रोणाचार्य कभी नहीं चाहते थे कि एक निषाद एक लव्य अर्जुन (क्षत्रिय ) से बड़ा धनर्धुन बने इसी कारण एक गुरु ने गुरुदक्षिणा के नाम पर एक शिष्य के साथ क्षल किया और शुरू से परंपरा रही है कि इन सवर्णों ने हमेशा ही मिलकर हम सबको ठगा है और आज फिर वही सब हो रहा है इसलिए एकलव्य की तरह गुरुदक्षिणा के नाम पर अपनी हिस्सेदारी देने से बचें एकलव्य असलीजातिवादतोयहाँहुआथा - ShareChat