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#✍️ साहित्य एवं शायरी #✍️ अनसुनी शायरी
✍️ साहित्य एवं शायरी - या खुदा *"न दिये का है, न हवा का है, जो यहाँ ೩1 ತತ ' है ख़ुदा का है"*x" यहाँ ऐसा कोई दिया नहीं, जो जला हो और वो बुझा न हो. !" 00 या खुदा *"न दिये का है, न हवा का है, जो यहाँ ೩1 ತತ ' है ख़ुदा का है"*x" यहाँ ऐसा कोई दिया नहीं, जो जला हो और वो बुझा न हो. !" 00 - ShareChat