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#✍️ साहित्य एवं शायरी #एक रचना रोज़✍
✍️ साहित्य एवं शायरी - जब तक किसी को ये एहसास ना हो जाय कीवो मीत्र है तबतक वो सही माइने मे मीत्र नही होता | ये समझ लीजिए ठुकरना और स्वीकार करना , दोनों हो कार्यबहोत कठिन और बहोत सरल भी होता है | जब तक किसी को ये एहसास ना हो जाय कीवो मीत्र है तबतक वो सही माइने मे मीत्र नही होता | ये समझ लीजिए ठुकरना और स्वीकार करना , दोनों हो कार्यबहोत कठिन और बहोत सरल भी होता है | - ShareChat