ShareChat
click to see wallet page
search
#यथार्थ_गीता_ज्ञान #SantRampalJiMaharajYouTubeChannel #bhagavadgita #gita #krishna #arjuna #bhagawadgita #consciousness #vedanta
krishna - गीता शाव गीता अध्याय १८ श्लोक ६२ अध्याय १८ का श्लोक ६२ हे भारत! तूसब प्रकार से उस परमेश्वर की की ही शरण में जा तम् एव शरणम् गच्छ सर्वभावेन भारत उस परमात्मा की कृपा शान्तिम् स्थानम् प्राप्स्यसि से ही तूपरम शान्ति को तथा सदा रहने तत्प्रसादात् पराम 377877//62// वाले सतलोक को प्राप्त होगा| अनुवादः ( भारत) हे भारत! तू ( सर्वभावेन) सब प्रकारसे (तम्) उस परमेश्वरकी (एव) ही (शरणम् ) शरणमें संत रामपाल जी महाराज जी से (गच्छ) जा। (तत्प्रसादात्) उस परमात्माकी कृपा से ही निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क तू (पराम्) परम (शान्तिम्) शान्तिको तथा (शाश्वतम्) संपर्क सूत्र : +91 7496801823 पुस्तक प्राप्त करने के लिये सदा रहने वाला सत (स्थानम्) स्थान।धाम / लोक को अर्थात् सत्लोक को (प्राप्स्यसि) प्राप्त होगा। (६२) गीता शाव गीता अध्याय १८ श्लोक ६२ अध्याय १८ का श्लोक ६२ हे भारत! तूसब प्रकार से उस परमेश्वर की की ही शरण में जा तम् एव शरणम् गच्छ सर्वभावेन भारत उस परमात्मा की कृपा शान्तिम् स्थानम् प्राप्स्यसि से ही तूपरम शान्ति को तथा सदा रहने तत्प्रसादात् पराम 377877//62// वाले सतलोक को प्राप्त होगा| अनुवादः ( भारत) हे भारत! तू ( सर्वभावेन) सब प्रकारसे (तम्) उस परमेश्वरकी (एव) ही (शरणम् ) शरणमें संत रामपाल जी महाराज जी से (गच्छ) जा। (तत्प्रसादात्) उस परमात्माकी कृपा से ही निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क तू (पराम्) परम (शान्तिम्) शान्तिको तथा (शाश्वतम्) संपर्क सूत्र : +91 7496801823 पुस्तक प्राप्त करने के लिये सदा रहने वाला सत (स्थानम्) स्थान।धाम / लोक को अर्थात् सत्लोक को (प्राप्स्यसि) प्राप्त होगा। (६२) - ShareChat