उठा दिया फिर से हमने एक कदम,
मिले तुम्हारे हर कदम से जो कदम,
साथ एक साथ होकर जब लढे हम साथ,
जनता की वह आवाज की गुंज,
सुनाई दे अब से हर बार...
पुकारो अब
एल्गार... एल्गार... एल्गार..
**स्नेहल एम*
(पत्रकार, लेखक कवी, शायर, सामाजिक कार्यकर्ता) #🙏कर्म क्या है❓ #✡️सितारों की चाल🌠 #💞Heart touching शायरी✍️