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#શુભ પ્રભાતમ્ #શુભ સોમવાર
શુભ પ્રભાતમ્ - ত্ুঞ্জ ভ্ঙ্ঘানভ্ূ ಊತ ಊ [rತ पानी को कितना भी गर्म करलें, पर वह थोडी देर बाद अपने मूल स्वभाव में आकर शीतल हो जाता है। इसी प्रकार हम कितने भी क्रोध में, भय में, अशांति में रह लें। थोड़ी देर बाद बोध में, निर्भयता में और प्रसन्नता में हमें आना ही होगा क्योकिं यही हमारा मूल स्वभाव है। जय श्री कृष्णा Coodmoming ত্ুঞ্জ ভ্ঙ্ঘানভ্ূ ಊತ ಊ [rತ पानी को कितना भी गर्म करलें, पर वह थोडी देर बाद अपने मूल स्वभाव में आकर शीतल हो जाता है। इसी प्रकार हम कितने भी क्रोध में, भय में, अशांति में रह लें। थोड़ी देर बाद बोध में, निर्भयता में और प्रसन्नता में हमें आना ही होगा क्योकिं यही हमारा मूल स्वभाव है। जय श्री कृष्णा Coodmoming - ShareChat