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गुलज़ार शायरी - कुछ ऐसे हो गए है इस दौर के रिश्ते, जो आवाज़ तुम ना दो तो बोलते वो भी नही.. Oshubhu creation कुछ ऐसे हो गए है इस दौर के रिश्ते, जो आवाज़ तुम ना दो तो बोलते वो भी नही.. Oshubhu creation - ShareChat