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#✍️ साहित्य एवं शायरी #📚कविता-कहानी संग्रह #😇 जीवन की प्रेरणादायी सीख #👫 हमारी ज़िन्दगी #✍️ अनसुनी शायरी
✍️ साहित्य एवं शायरी - হীনা ভূ  मैं जब रात को, तो अपशगुन मन जाता है. कोई बताए उन्हें की मैंने सुबह से,   पर एक निवाला भी नहीं खाया है..!!" হীনা ভূ  मैं जब रात को, तो अपशगुन मन जाता है. कोई बताए उन्हें की मैंने सुबह से,   पर एक निवाला भी नहीं खाया है..!!" - ShareChat