धम्म का चौंकाने वाला सच: महान सम्राट अशोक ने धर्म (Dhamma) को सिर्फ धार्मिक सिद्धांत नहीं बल्कि समाज को जोड़ने और सांस्कृतिक तनाव कम करने वाली नीति बनाया; उसने अहिंसा, न्याय और लोककल्याण पर शिलालेखों के जरिए साम्राज्यभर में व्यवहारिक नैतिकता प्रवर्तित की जिससे शहरी-ग्रामीण, जाति और व्यापारिक वर्गों के बीच समावेशिता बढ़ी—यह नीति इतिहास और समाजशास्त्र दोनों के निरिक्षण से यह बताती है कि जब राज्य नियमों में नैतिक प्रोत्साहन और सार्वजनिक कल्याण जोड़ता है तो सामाजिक स्थिरता के साथ अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती है. प्रेरक पंक्ति: "जो व्यवहार धर्म से जुड़ा नहीं, वह स्थायी धर्म नहीं बन सकता" — इसलिए धम्म का सार कर्म, समता और तर्क है; वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो नीतिगत दमन के बजाय सकारात्मक प्रोत्साहन सामाजिक पूंजी और सहयोगी व्यवहार को बढ़ाते हैं, जिससे सामूहिक समस्या-समाधान के लिए न्यूनतम तनाव और अधिक संसाधन-उपयोग दक्षता मिलती है {{465305438}} {{312047789}} {{221145368}} {{179685658}} {{6697565}} #धम्म मित्र सुकुशल #☸️ बुद्ध धम्म चक्र अष्टमी की शुभकामनाएं ☸️ #मंगलमय धम्म रात्रि 🙏 #धम्म दीप्दानोत्सव #धम्म रात्रि