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#जय श्री राधे राधे
जय श्री राधे राधे - Dubey  Anil एक बार ब्रह्मा जी भगवान जगन्नाथ का महाप्रसाद लेने पहुंचे। पर वहाँ केवल चावल के कुछ् दाने थे, जिन्हें एक कुत्ता खा रहा था। भक्ति में लीन ब्रह्मा जी भी उसके साथ बैठकर वही चावल खाने लगे। उसी समय देवी एकादशी हँसकर बोली- " आज तो उपवास का दिन है, और ब्रह्मा जी कुत्ते के साथ चावल खा रहे हैं!" तभी भगवान जगन्नाथ प्रकट हुए और बोले _ " एकादशी! महाप्रसाद का अपमान किया है। इसमें व्रत या तुमने मेरे  जाति का कोई नियम नहीं चलता।| कहते हैँ॰ उसी दिन से एकादशी देवी मंदिर के पीछे उलटी लटकी हुई हैं, ताकि सब याद रखें _ भगवान के प्रेम और से बड़ा कोई नियम नहीं। H कमेंट में जय जगन्नाथ जी जरूर लिखें Dubey  Anil एक बार ब्रह्मा जी भगवान जगन्नाथ का महाप्रसाद लेने पहुंचे। पर वहाँ केवल चावल के कुछ् दाने थे, जिन्हें एक कुत्ता खा रहा था। भक्ति में लीन ब्रह्मा जी भी उसके साथ बैठकर वही चावल खाने लगे। उसी समय देवी एकादशी हँसकर बोली- " आज तो उपवास का दिन है, और ब्रह्मा जी कुत्ते के साथ चावल खा रहे हैं!" तभी भगवान जगन्नाथ प्रकट हुए और बोले _ " एकादशी! महाप्रसाद का अपमान किया है। इसमें व्रत या तुमने मेरे  जाति का कोई नियम नहीं चलता।| कहते हैँ॰ उसी दिन से एकादशी देवी मंदिर के पीछे उलटी लटकी हुई हैं, ताकि सब याद रखें _ भगवान के प्रेम और से बड़ा कोई नियम नहीं। H कमेंट में जय जगन्नाथ जी जरूर लिखें - ShareChat