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#📝कविता / शायरी/ चारोळी #🤩जीवनाबद्दल कोट्स 📝
📝कविता / शायरी/ चारोळी - पिता. ೦ ಫಘ೯ जिसकी जड़ों तक हम कभी देख ही नहीं पाते पर उसकी जड़ें ही हमारे खड़े की वजह बनती हैं। रहने वो रात का सबसे अनदेखा पहरेदार है जो आंखो से नहीं , ज़िम्मेदारियों से जागता है। जीता, वो अपनी ख्वाहिशें नहीं  जीते हुए बल्कि बच्चों की ख्वाहिशें  धीरेनथीरे अपने आप को ত্তীভনা पीछे जाता है। पिता शब्द छोटा है, उसके बिना पर ज़िन्दगी का पूरा अर्थ अधूरा हे। पिता. ೦ ಫಘ೯ जिसकी जड़ों तक हम कभी देख ही नहीं पाते पर उसकी जड़ें ही हमारे खड़े की वजह बनती हैं। रहने वो रात का सबसे अनदेखा पहरेदार है जो आंखो से नहीं , ज़िम्मेदारियों से जागता है। जीता, वो अपनी ख्वाहिशें नहीं  जीते हुए बल्कि बच्चों की ख्वाहिशें  धीरेनथीरे अपने आप को ত্তীভনা पीछे जाता है। पिता शब्द छोटा है, उसके बिना पर ज़िन्दगी का पूरा अर्थ अधूरा हे। - ShareChat