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#🕋❀◕❀मेरा प्यारा इस्लाम❀◕❀🕋 #🤲अल्लाह हु अक़बर #🕋 💞आशिक_ए_रसूल💞🕋
🕋❀◕❀मेरा प्यारा इस्लाम❀◕❀🕋 - छींकने के बाद अलहम्दुलिल्लाह क्यों कहते हैं॰ Mohd sohrab एक छींक की रफ्तार १६०.९३ KMIH होती है। जब आप छीँकते हैं तो आपका दिल और और शरीर का पूरा ! सिस्टम काम !! करना बंद कर देता है, जिससे आपकी मौत भी हो सकती है। तो बुन्यादी तौर पर छींकने के बाद आपको एक नई जिंदगी! ! मिलती है। तो जब भी !! आप छींका करें तो अलहम्दूलिल्लाह ज़रूर कहा करें छींकने के बाद अलहम्दुलिल्लाह क्यों कहते हैं॰ Mohd sohrab एक छींक की रफ्तार १६०.९३ KMIH होती है। जब आप छीँकते हैं तो आपका दिल और और शरीर का पूरा ! सिस्टम काम !! करना बंद कर देता है, जिससे आपकी मौत भी हो सकती है। तो बुन्यादी तौर पर छींकने के बाद आपको एक नई जिंदगी! ! मिलती है। तो जब भी !! आप छींका करें तो अलहम्दूलिल्लाह ज़रूर कहा करें - ShareChat