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#हरतालिका आरती
हरतालिका आरती - ।। श्री स्वामी समर्थ ।। हरतालिकेची आरती जयदेवी जयदेवी जय देवी हरितालिके सखी पार्वती अंबिके। आरती ओंवाळीतें| ज्ञानदीपकलिके ।।धृ. II हरअर्धांगीं जाशी यज्ञा माहेरासी तेथे वससी अपमान पावसी | यज्ञकुंडीं गुप्त होसी रिघसी हिमाद्रीच्या पोटीं I 5 I 2 I होसी तूं गोमटी। उग्र तपश्चर्या कन्या मोठी। आचरसी उठाउठी II जय II२II तापपंचाग्निसाधनें | धूम्रपानें अधोवदनें | केलीं बहु उपोषणें | शंभु भ्रताराकारणें II जय II३II लीला दाखविसी दृष्टी | हें पुन्हां वरिसी व्रत करिसी लोकांसाठी मज़ रक्षावें संकटीं II४ II काय धूर्जटी। वर्णं तव गुण। अल्पमति नारायण। मातें दाखवीं चरण। चुकवावें जन्ममरण जय. 4٩ ١١٦ ١١ ।। श्री स्वामी समर्थ ।। हरतालिकेची आरती जयदेवी जयदेवी जय देवी हरितालिके सखी पार्वती अंबिके। आरती ओंवाळीतें| ज्ञानदीपकलिके ।।धृ. II हरअर्धांगीं जाशी यज्ञा माहेरासी तेथे वससी अपमान पावसी | यज्ञकुंडीं गुप्त होसी रिघसी हिमाद्रीच्या पोटीं I 5 I 2 I होसी तूं गोमटी। उग्र तपश्चर्या कन्या मोठी। आचरसी उठाउठी II जय II२II तापपंचाग्निसाधनें | धूम्रपानें अधोवदनें | केलीं बहु उपोषणें | शंभु भ्रताराकारणें II जय II३II लीला दाखविसी दृष्टी | हें पुन्हां वरिसी व्रत करिसी लोकांसाठी मज़ रक्षावें संकटीं II४ II काय धूर्जटी। वर्णं तव गुण। अल्पमति नारायण। मातें दाखवीं चरण। चुकवावें जन्ममरण जय. 4٩ ١١٦ ١١ - ShareChat