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#सरस्वती सरस्वती जी वंदन
सरस्वती - सरस्वती वंदनाः माँ शारदे कहा तू वीणा बजा रही है' Pooja Singh माँ शारदे कहाँ तू॰ वीणा बजा रही हैं, किस मंजु ज्ञान से तू॰ जग को लुभा रही हैं II किस भाव में भवानी, तू मग्न हो रही है, विनती नहीं हमारी , क्यों माँ तू सुन रही है । हम दीन बाल कब से, विनती सुना रहें हैं, चरणों में तेरे माता, हम सर झुका रहे हैं II मां शारदे कहाँ तू॰ वीणा।। अज्ञान तुम हमारा , माँ शीघ्र दूर कर दो, शुभ्र हम में, माँ शारदे तू भर दे। द्रुत ज्ञान मात हैं तुम्हारे, बालक सभी जगत के, सूत प्राणों से प्रिय है हम , तेरे पुत्र सब दुलारे, II मां शारदे कहाँ तू॰ वीणा Il हमको दयामयी तू॰ ले गोद में पढ़ाओ, अमृत जगत का हमको , माँ शारदे पिलाओ | मातेश्वरी तू सुन ले, सुंदर विनय हमारी, करके दया तू हर ले, बाधा जगत की सारी , II मां शारदे कहाँ तू॰ वीणा II सरस्वती वंदनाः माँ शारदे कहा तू वीणा बजा रही है' Pooja Singh माँ शारदे कहाँ तू॰ वीणा बजा रही हैं, किस मंजु ज्ञान से तू॰ जग को लुभा रही हैं II किस भाव में भवानी, तू मग्न हो रही है, विनती नहीं हमारी , क्यों माँ तू सुन रही है । हम दीन बाल कब से, विनती सुना रहें हैं, चरणों में तेरे माता, हम सर झुका रहे हैं II मां शारदे कहाँ तू॰ वीणा।। अज्ञान तुम हमारा , माँ शीघ्र दूर कर दो, शुभ्र हम में, माँ शारदे तू भर दे। द्रुत ज्ञान मात हैं तुम्हारे, बालक सभी जगत के, सूत प्राणों से प्रिय है हम , तेरे पुत्र सब दुलारे, II मां शारदे कहाँ तू॰ वीणा Il हमको दयामयी तू॰ ले गोद में पढ़ाओ, अमृत जगत का हमको , माँ शारदे पिलाओ | मातेश्वरी तू सुन ले, सुंदर विनय हमारी, करके दया तू हर ले, बाधा जगत की सारी , II मां शारदे कहाँ तू॰ वीणा II - ShareChat