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#✒ गुलज़ार की शायरी 🖤
✒ गुलज़ार की शायरी 🖤 - हम अपनों से परखे गए हैं कुछ गैरों की तरह,हर कोई बदलता ही गया हमें की तरह.. शहरों हम अपनों से परखे गए हैं कुछ गैरों की तरह,हर कोई बदलता ही गया हमें की तरह.. शहरों - ShareChat