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#✍️ साहित्य एवं शायरी #📃लाइफ कोट्स ✒️
✍️ साहित्य एवं शायरी - चाहे कोई दार्शनिक बने साधु बने या मौलाना बने, अगरवो लोगों को अंधेरे का डर दिखाता है, तो ज़रूरवो अपनी कंपनी का टॉर्च बेचना चाहता है। हरिशंकर परसाई नभ चाहे कोई दार्शनिक बने साधु बने या मौलाना बने, अगरवो लोगों को अंधेरे का डर दिखाता है, तो ज़रूरवो अपनी कंपनी का टॉर्च बेचना चाहता है। हरिशंकर परसाई नभ - ShareChat