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#😌 अकेलापन शायरी #💓 दिल के अल्फ़ाज़ #📝 अधूरे अल्फाज़ #✍️ अनसुनी शायरी
😌 अकेलापन शायरी - उड़ने दो मिट्टी को आखिर कहाँ तक उड़ेगी , हवाओं ने जब साथ छोड़़ा तो जमीन पर ही गिरेगी. .. जो लोग आलोचना से डरते हैं, वे जीवन में कुछ नहीं कर पाते हैं .. जितना कठिन होता है, मंजिल उतनी ही शानदार होती है। सफर उड़ने दो मिट्टी को आखिर कहाँ तक उड़ेगी , हवाओं ने जब साथ छोड़़ा तो जमीन पर ही गिरेगी. .. जो लोग आलोचना से डरते हैं, वे जीवन में कुछ नहीं कर पाते हैं .. जितना कठिन होता है, मंजिल उतनी ही शानदार होती है। सफर - ShareChat