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तन्हाई - खामोशी के साथ... मैं कुछ और ही कहानी समेटे बैठा हूं...  महफ़िलो को छोड़, तन्हाई को साथ ले बैठा हूँ  गिले और शिक़वे करना फ़िज़ूल है अपनों से.... इसलिए खामोशी को ही अब... राजदार किये बैठा हूं... ® कुछ दर्द सिर्फ़ खामोशी तक ही सीमित रहते हैं। ** स्वरचित💯...अनसुने लम्हे🤞...By Rahul Saini🙂... #sahitya_shabdkosh✍️ #Writer_rahul✍️ #✍️ साहित्य एवं शायरी #🙄फैक्ट्स✍ #📗प्रेरक पुस्तकें📘
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