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#✒ गुलज़ार की शायरी 🖤 #✍️ साहित्य एवं शायरी #💓 दिल के अल्फ़ाज़ #☝ मेरे विचार
✒ गुलज़ार की शायरी 🖤 - ज़ख्म मिले और दर्द ना हो, য নী বচী নান ট ( साहब " दिसंबरहो और सर्दना हो.. ! ^ ज़ख्म मिले और दर्द ना हो, য নী বচী নান ট ( साहब " दिसंबरहो और सर्दना हो.. ! ^ - ShareChat