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#❤️जीवन की सीख #विजय पाल #📓 हिंदी साहित्य #📗प्रेरक पुस्तकें📘 #🥰Express Emotion
❤️जीवन की सीख - जिनका पेट चारों पहर भरा होता है ग्रहण में उन्हीं का भोजन अशुद्ध होता है प्रिये! दिनों से भूखे दरिद्रों को मिला वह अशुद्ध भोजन अमृततुल्य लगता है॰ जिनका पेट चारों पहर भरा होता है ग्रहण में उन्हीं का भोजन अशुद्ध होता है प्रिये! दिनों से भूखे दरिद्रों को मिला वह अशुद्ध भोजन अमृततुल्य लगता है॰ - ShareChat