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#PstudioOrai #melody Rag bhairav
PstudioOrai - राग भैरव रविकृत स्वर भैरव रे, ध कोमल IC संपूर्ण=्संपूर्ण ७/७  कोई नहीं ouIf : ॰वर्ज्य स्वर ॰संवादी ऋषभ (रे ) धैवत (ध ) ॰वादी समप्रकृति राग : कलिंगड़ा  -समय : दिन का प्रथम प्रहर a सा,रे_ , आरोह- ग,म॰प,ध_ ,नि,सां। ,4,#,7,?_,= अवरोह- सां,नि, ೮; p_studio_orai पकड़़- ग म ध _ 5 ध_ प, ग म रे_ 5 रे_ सा। विशेषता यह अपने थाट का आश्रय राग है। इस राग में ऋषभ और धैवत आंदोलित होते हैं, जैसे ग म ध 5 ध 5 प और ग म रे 5 रे 5 सा। इसे संधिप्रकाश राग भी कहते हैं क्योंकि इसे प्रातः काल 4 से 7 प्रकृति का राग है। इसमें बजे के अन्दर गाया जाता है। यह गंभीर भैरव और कालिंगड़ा दोनों के स्वर नहीं गाईन्बजाई जाती ठुमरी एक ही हैं, किन्तु चलन में भेद है। @७ राग भैरव रविकृत स्वर भैरव रे, ध कोमल IC संपूर्ण=्संपूर्ण ७/७  कोई नहीं ouIf : ॰वर्ज्य स्वर ॰संवादी ऋषभ (रे ) धैवत (ध ) ॰वादी समप्रकृति राग : कलिंगड़ा  -समय : दिन का प्रथम प्रहर a सा,रे_ , आरोह- ग,म॰प,ध_ ,नि,सां। ,4,#,7,?_,= अवरोह- सां,नि, ೮; p_studio_orai पकड़़- ग म ध _ 5 ध_ प, ग म रे_ 5 रे_ सा। विशेषता यह अपने थाट का आश्रय राग है। इस राग में ऋषभ और धैवत आंदोलित होते हैं, जैसे ग म ध 5 ध 5 प और ग म रे 5 रे 5 सा। इसे संधिप्रकाश राग भी कहते हैं क्योंकि इसे प्रातः काल 4 से 7 प्रकृति का राग है। इसमें बजे के अन्दर गाया जाता है। यह गंभीर भैरव और कालिंगड़ा दोनों के स्वर नहीं गाईन्बजाई जाती ठुमरी एक ही हैं, किन्तु चलन में भेद है। @७ - ShareChat