गुनाह का जन्म...
न दिल से होता है, न किस्मत से —
वो तो बस तब होता है,
जब चाहत अंधी हो जाती है
और क्रोध बहिरा।
® चाहत और क्रोध पर संयम होना ज़रूरी हैं।
** स्वरचित💯...अनसुने लम्हे🤞...By Rahul Saini🙂...
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