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माननीय सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी. आर. गवई पर सुनवाई के दौरान जूता फेंकने की कोशिश बेहद गंभीर और शर्मनाक घटना है! यह केवल न्याय व्यवस्था पर हमला नहीं, बल्कि जातिवाद और असहिष्णुता का भी प्रतीक है। यह समझना ज़रूरी है कि जब न्याय के सर्वोच्च मंच पर बैठे व्यक्ति की सुरक्षा और गरिमा पर हमला होता है, तो यह पूरे न्याय व्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश होती है। ऐसी हरकतें न सिर्फ निंदनीय हैं, बल्कि यह संकेत हैं कि समाज में असहमति को अभद्रता और हिंसा के ज़रिए प्रकट करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है — जो किसी भी लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है। हम इस जघन्य कृत्य की कट्टर निंदा करते हैं और @PMOIndia से मांग करते हैं कि आरोपी पर देशद्रोह और न्यायिक गरिमा भंग करने की सबसे सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज हो। न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर कोई भी हमला देश की आत्मा पर हमला है - और इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। #SupremeCourt #SupremeCourtOfIndia #jai bhim
jai bhim - [ational [etiona Jl lu 4Y1 CJI बी॰ आर. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश बेहद शर्मनाक और गंभीर है। यह सिर्फ न्यायपालिका नहीं , बल्कि संविधान और लोकतंत्र की आत्मा पर हमला है। ऐसोी हरकतों पर सरव्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि न्याय व्यवस्था की गरिमा और स्वतंत्रता सुरक्षित रह सके। चंद्रशेखर आजाद , सांसद @Nationaljanmat] [ational [etiona Jl lu 4Y1 CJI बी॰ आर. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश बेहद शर्मनाक और गंभीर है। यह सिर्फ न्यायपालिका नहीं , बल्कि संविधान और लोकतंत्र की आत्मा पर हमला है। ऐसोी हरकतों पर सरव्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि न्याय व्यवस्था की गरिमा और स्वतंत्रता सुरक्षित रह सके। चंद्रशेखर आजाद , सांसद @Nationaljanmat] - ShareChat