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#moral story #Krishna ki moral stories
moral - ईमानदाश का फ्ल में नदी किनारे लकडी वन लकडहारा काट रहा था। 0 उसकी कुल्हाड़ी़ नदी में गिर गई। वह वहीं बैठकर रोने 3ಗಹ उसी समय जल देवता वहाँ प्रकट हुए। उन्होंने  लकड़हारे से रोने 7/ नदी में गिर गई है। मेरे  पूछा  लकड़हारे ने कहा, " मेरी कुल्हाड़ी़ कारण कोई अन्य कुल्हाड़ी़ नहीं है। अब मैं लकड़ी़ कैसे काटूँगा? लकड़ी़ न होने - ६॰में खाना नहीं बन पाएगा। " जल देवता को लकडहारे पर तरस उन्होंने नदी में गोता लगाया और सोने को एक মা | 3 लकड़हारे को दी। लकड़हारे ने कुल्हाड़ी़ देखकर कहा, कुल्हाडी़ मेरी नहीं है। " जल देवता ने दोबारा नदी में गोता लगाया " यह और एक चाँदी को कुल्हाड़ी़ निकाली। लकड़हारे ने फिर कहा भी मेरी नहीं है।" जल देवता फिर नदी " यह ক্তল্কটাভী  f, में गोता लगाया और लोहे की कुल्हाड़ी़ लाकर  को दी। लकड़हारे ने उस लकड़हारे को देखकर कहा, " यही मेरी ক্তুল্কাভী  की ईमानदारी 8|' लकड़हारे कुल्हाडी़  जल देवता ने उसे सोने से खुश होकर भी दे दीं। और चाँदी की कुल्हाड़ियाँ हमेशा ईमानदार रहो। शिक्षा कभी भी बेईमान मत बनो। ईमानदाश का फ्ल में नदी किनारे लकडी वन लकडहारा काट रहा था। 0 उसकी कुल्हाड़ी़ नदी में गिर गई। वह वहीं बैठकर रोने 3ಗಹ उसी समय जल देवता वहाँ प्रकट हुए। उन्होंने  लकड़हारे से रोने 7/ नदी में गिर गई है। मेरे  पूछा  लकड़हारे ने कहा, " मेरी कुल्हाड़ी़ कारण कोई अन्य कुल्हाड़ी़ नहीं है। अब मैं लकड़ी़ कैसे काटूँगा? लकड़ी़ न होने - ६॰में खाना नहीं बन पाएगा। " जल देवता को लकडहारे पर तरस उन्होंने नदी में गोता लगाया और सोने को एक মা | 3 लकड़हारे को दी। लकड़हारे ने कुल्हाड़ी़ देखकर कहा, कुल्हाडी़ मेरी नहीं है। " जल देवता ने दोबारा नदी में गोता लगाया " यह और एक चाँदी को कुल्हाड़ी़ निकाली। लकड़हारे ने फिर कहा भी मेरी नहीं है।" जल देवता फिर नदी " यह ক্তল্কটাভী  f, में गोता लगाया और लोहे की कुल्हाड़ी़ लाकर  को दी। लकड़हारे ने उस लकड़हारे को देखकर कहा, " यही मेरी ক্তুল্কাভী  की ईमानदारी 8|' लकड़हारे कुल्हाडी़  जल देवता ने उसे सोने से खुश होकर भी दे दीं। और चाँदी की कुल्हाड़ियाँ हमेशा ईमानदार रहो। शिक्षा कभी भी बेईमान मत बनो। - ShareChat