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#❤️जीवन की सीख #👍 डर के आगे जीत👌 #☝ मेरे विचार #📖जीवन का लक्ष्य🤔 #🥰Express Emotion
❤️जीवन की सीख - ন্ধতা-ন্রধতা ম অযানান क तपस्वी अपने उपदेश में [ शिष्यों से बार-बार कहता कणन्कण में भगवान था हैं। संसार में ऐसी कोई वस्तु और स्थान नहों है जहां भगवान न हों। प्रत्येक वस्तु को भगवान मानकर करना  चाहिए।  यही 3 77 उनकी शिक्षा का निचोड़ था। उनका एक शिष्य कहीं जा रहा था। सामने से एक हाथी तेजी से दौड़ता हुआ आया। महावत लगातार भगवान को मारा! उसके सहपाठी चिल्लाए जा रहा  हट जाओ.. हट থা उसे उठाकर आश्रम में ले गए। जाओ.. हाथी पागल हो गया है! शिष्य को गुरु का कथन याद आया।  उसने गुरु से कहा, आपतो कहते हैं कि प्रत्येक वस्तु में भगवान हैं! वह वहीं खड़ा रहा। यह सोचकर कि देखो, हाथी ने मेरी कैसी दुर्गति की मेरी तरह স মী মানান কা মাথী है।' गुरु ने कहा, यह सत्य है कि वासहै॰. भगवान को भगवान सेकैसा प्रत्येक वस्तु में भगवान हैं | निश्चय ही डर! वह रास्ते केबीच में ही डटा रहा। हाथी में भी भगवान का वास है परंतु देखकर স பு यह महावत चिल्लाया- ' हट जाओ, क्यों मरने पर महावत में भी तो भगवान हैं। तुम उसकी चेतावनी सुनकर मार्ग से हट  =# तुले हो?' पर शिष्य अपनी जगह যুড়   কী 7ా 7 7? एक अंगुल भी इधर ्उधर  बात हुआ| पागल हाथी ने उसे सूंड में सुनकर शिष्य को अपनी भूल का लपेटा और घुमाकर फेंक दिया। अहसास हुआ | बेचारा  घायल   शिष्य   वहीं शिक्षा किसी शिक्षा को 3ITE  पडा कराहता रहा, पर उसे अधिक पीडा समझकर उसे प्रयोग में अधूरी बुद्धिमानी नहीं, मूर्खता है। इस बात की थी कि भगवान ने সোনা ন্ধতা-ন্রধতা ম অযানান क तपस्वी अपने उपदेश में [ शिष्यों से बार-बार कहता कणन्कण में भगवान था हैं। संसार में ऐसी कोई वस्तु और स्थान नहों है जहां भगवान न हों। प्रत्येक वस्तु को भगवान मानकर करना  चाहिए।  यही 3 77 उनकी शिक्षा का निचोड़ था। उनका एक शिष्य कहीं जा रहा था। सामने से एक हाथी तेजी से दौड़ता हुआ आया। महावत लगातार भगवान को मारा! उसके सहपाठी चिल्लाए जा रहा  हट जाओ.. हट থা उसे उठाकर आश्रम में ले गए। जाओ.. हाथी पागल हो गया है! शिष्य को गुरु का कथन याद आया।  उसने गुरु से कहा, आपतो कहते हैं कि प्रत्येक वस्तु में भगवान हैं! वह वहीं खड़ा रहा। यह सोचकर कि देखो, हाथी ने मेरी कैसी दुर्गति की मेरी तरह স মী মানান কা মাথী है।' गुरु ने कहा, यह सत्य है कि वासहै॰. भगवान को भगवान सेकैसा प्रत्येक वस्तु में भगवान हैं | निश्चय ही डर! वह रास्ते केबीच में ही डटा रहा। हाथी में भी भगवान का वास है परंतु देखकर স பு यह महावत चिल्लाया- ' हट जाओ, क्यों मरने पर महावत में भी तो भगवान हैं। तुम उसकी चेतावनी सुनकर मार्ग से हट  =# तुले हो?' पर शिष्य अपनी जगह যুড়   কী 7ా 7 7? एक अंगुल भी इधर ्उधर  बात हुआ| पागल हाथी ने उसे सूंड में सुनकर शिष्य को अपनी भूल का लपेटा और घुमाकर फेंक दिया। अहसास हुआ | बेचारा  घायल   शिष्य   वहीं शिक्षा किसी शिक्षा को 3ITE  पडा कराहता रहा, पर उसे अधिक पीडा समझकर उसे प्रयोग में अधूरी बुद्धिमानी नहीं, मूर्खता है। इस बात की थी कि भगवान ने সোনা - ShareChat